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Arunima Bahadur

Romance Action

4  

Arunima Bahadur

Romance Action

प्रेम और कर्तव्य

प्रेम और कर्तव्य

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पूछो न, कितनी खुशनसीब शाम है,

ये मेरे प्यार का पहला पैगाम है,

हम दोनों के प्यारे मिलन की,

प्यारी प्यारी शाम है,

ऐसा लगता दे रहा हर कण

प्रेम का पैगाम है,

कुछ नहीं बस हम तुम आज,

खो जाना बस एक दूजे में,

प्रेम के इन चंद पलो को,

जीना अपनी मस्ती में,

प्रेम के इस नवयौवन में,

बस खो जाना चाहता हूँ,

प्यारी सी इन यादों को,

बस संजोना चाहता हूँ


काश! ठहरता कुछ वक्त यहाँ,

हमारे मिलन की इस रात में,

कुछ पल और रुकता

तेरी जुल्फों की छांव में,

पर पहला प्यार है मेरा देश,

वो मुझे पुकारता हैं,

कर्तव्य वेदी पर जाने की

वह हुंकार मांगता है,


मेरे इस पथ पर भी

संगिनी तुम बन जाओ न,

आज नहीं अभी से तुम

हिम्मत मेरी बन जाओ न,

देश धर्म के पावन पथ पर,

तुम्हें भी अब चलना है,

मैं जाता हूँ सीमा पर,

तुम्हें यहाँ पर रहना है,

मैं लौटूंगा जल्द ही वापस,

नैनों में अश्रु न लाना तुम,

हमदम मेरे हर पल

मेरा साथ सदा निभाना तुम,

साथ सदा निभाना तुम।।



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