umesh kulkarni
Drama
पंखों में ताकत भरने वाले
सबको भुला के उड़ जाने वाले।
खौफनाक ओ मंजर कैसा होगा
लौट के जब तुझे आना होगा।
सूरमाओं की रु...
धरती, माँ क्य...
मैं और मेरा उ...
कैसे कर पाते ...
मुझे बदलना चा...
रोज नया इम्ति...
भगवान ने की श...
कोरोना और हम
तेरे जितनी शा...
COVID 19 का च...
लोगों को नहीं पता की अपने नहीं तड़पाते अपने ही तो बनते है जो शुरू शुरू में तड़पाते लोगों को नहीं पता की अपने नहीं तड़पाते अपने ही तो बनते है जो शुरू शुरू में तड़प...
अकल्पनीय महाकथा निर्माण पर अविश्वसनीय पात्रों के अभिनय पर अकल्पनीय महाकथा निर्माण पर अविश्वसनीय पात्रों के अभिनय पर
ना जाने कैसे जुड़ गया रिश्ता ये तेरा मेरा हो सके सवालों के जवाब दे दे। ना जाने कैसे जुड़ गया रिश्ता ये तेरा मेरा हो सके सवालों के जवाब दे दे।
मैं बस सिमटना चाहता था तुममें, उन अल्फाजों की झंकार की तरह मैं बस सिमटना चाहता था तुममें, उन अल्फाजों की झंकार की तरह
दिल के सामने आज तो सही में नजर जीत गयी उसने दी हुई झूठी मुस्कान अब बीत जो गयी ! दिल के सामने आज तो सही में नजर जीत गयी उसने दी हुई झूठी मुस्कान अब बीत जो गयी...
वो खामोशी से मुझे देखता तो है दर्द से जूझते जज्ब करते तल्ख अहसास, वो खामोशी से मुझे देखता तो है दर्द से जूझते जज्ब करते तल्ख अहसास,
सोचता हूँ के क्या कमी रह गई, क्या जितना था वो काफी नहीं था। सोचता हूँ के क्या कमी रह गई, क्या जितना था वो काफी नहीं था।
अब विदाई की आहट पर जाते हुए हमेशा मुस्कराती हूँ मैं। अब विदाई की आहट पर जाते हुए हमेशा मुस्कराती हूँ मैं।
काश मुश्किल ना होता किसी को भुलाना तो यादों में इस तरह खोए ना रहते काश मुश्किल ना होता किसी को भुलाना तो यादों में इस तरह खोए ना रहते
क्यों रटते रहते हो नाम उस बेवफा का वो कोई राम नाम थोड़ी है क्यों रटते रहते हो नाम उस बेवफा का वो कोई राम नाम थोड़ी है
युगों- युगों की अशीष देकर, अमिट स्नेह मनभावन हो जाए। युगों- युगों की अशीष देकर, अमिट स्नेह मनभावन हो जाए।
मुझे तुम्हारा कुछ भी 'जरूरी' नहीं होना मुझे जरूरी बस 'तुम्हारा' होना। मुझे तुम्हारा कुछ भी 'जरूरी' नहीं होना मुझे जरूरी बस 'तुम्हारा' होना...
क्या होता है साँसों का मचलना तेरी कमी ने ये एहसास कराया है क्या होता है साँसों का मचलना तेरी कमी ने ये एहसास कराया है
बताओ उपकार क्या वाकई ऐसा ही होता है ? बताओ उपकार क्या वाकई ऐसा ही होता है ?
साथ हां मेरा, जन्मों निभाए, बाबुल ढूंढ़, पिया ऐसा लाए, साथ हां मेरा, जन्मों निभाए, बाबुल ढूंढ़, पिया ऐसा लाए,
न जाने कैसे समेट ले उन पल को जो बहकर आँसू तले भीग गये हैं न जाने कैसे समेट ले उन पल को जो बहकर आँसू तले भीग गये हैं
गठबंधन की गाठ ने रिश्ते की मजबूती का एहसास कराया है गठबंधन की गाठ ने रिश्ते की मजबूती का एहसास कराया है
छल कपट से तोड़ते है जिस पर करते तुम विश्वास अटूट, छल कपट से तोड़ते है जिस पर करते तुम विश्वास अटूट,
'मां ' की प्रार्थना करती, सब के लिए, सुख, शांति मांगती, 'मां ' की प्रार्थना करती, सब के लिए, सुख, शांति मांगती,
मैं भर जाती हूँ उन सबकी तृष्णा से जो सदियों से अतृप्त है आत्मा में। मैं भर जाती हूँ उन सबकी तृष्णा से जो सदियों से अतृप्त है आत्मा में।