लौट के जब तुझे आना होगा। लौट के जब तुझे आना होगा।
ताज में क़लगी भी और रखो फ़नकारियाँ छलने को ! ताज में क़लगी भी और रखो फ़नकारियाँ छलने को !
यही है आज का खौफनाक सच, कोई माने या न माने ! यही है आज का खौफनाक सच, कोई माने या न माने !
आज हम हैं क्या पता कल ना होंगे..... सिमटी हुई यादों के कुछ सिलसिले होंगे.... आज हम हैं क्या पता कल ना होंगे..... सिमटी हुई यादों के कुछ सिलसिले होंगे....
सबक सिखाने उनके खिलाफ आओ बजाएं मिलकर शंखनाद, सबक सिखाने उनके खिलाफ आओ बजाएं मिलकर शंखनाद,