STORYMIRROR

Sri Sri Mishra

Inspirational

4  

Sri Sri Mishra

Inspirational

जिंदगी की छांव

जिंदगी की छांव

1 min
209

आज हम हैं क्या पता कल ना होंगे.....

सिमटी हुई यादों के कुछ सिलसिले होंगे.....

आज साथ मिलकर जो हंँसकर जी लिए हंसी लम्हे..

क्या पता कल जिंदगी के फैसले क्या होंगे.....

कितने खौफनाक मंजर देखे यहांँ तबाही के...

टूटते देखे जो हर पल थे तानाशाही के.......

इस कोरोना ने जो किया दुनिया को धराशायी..

पूछे किससे जो ना होंगे देने को गवाही...

दुनिया लगती है जैसे दो दिन का मेला है....

थमती जिंदगी की हर वक्त संध्या वेला है....

कहाँ गए वह दिन कैसा यह है जीवन....

बस में अपने कुछ नहीं कहाँ है हाथ में जीवन....


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational