पिया भए परदेशी..
पिया भए परदेशी..
कौने देसवा में मोर नैनन सुख के बिसराय गए....
पिया भए अब मोर परदेशी.....
सब सुख चैन मोर हेराय गए.....
जो राह निहारे मोर मनवा....
कैसे निर्मोही इतना इतराए रहे!
कौने देसवा में मोर नैनन के सुख बिसराय गए .....
क्या चाहे तोसे, हम मोरे सजनवा.....
लेके तोहर छवि .....
मन ही मन सब छुपाए रहे.....
जब भी मिलोगे....
देखोगे मोहे रंग बिन तेरे....
कैसे - कैसे दिल का हाल सब छुपाए रहे!
कौने देसवा में मोर नैनन के सुख बिसराय गए ......
बिन देखे तोहे मोरे पिया....
मोरे नैनन में सब सुख - चैन बेकार लगे....
बैठ चौराहे तोहे राह निहारूं......
मिलके गले मोरे पिया, जन्मों की विरहनी को....
विरह वेदना से कुछ देर सही पर थोड़ी देर आराम दिला....
मिलके गले मुझसे....
मोहे इंतज़ार को पूर्णविराम लगा!
कौने देसवा में मोर नैनन के सुख बिसराय गए....
पिया भए अब मोर परदेशी.....
मिलन के सब श्रृंगार बेकार लगे.....
नैनन में छाई उदासी....
बिन तेरे सब, यादों में सैलाव रहा.....
सावन भी बरसे तो .....
बिन तोहे, जिया में,सावन भी आग - आग लगे!
कौने देसवा में मोर नैनन के सुख बिसराय गए.....
रूठ गए सब गीत ही मेरे....
सुरों की तस्वीह बिखरे - बिखरे .....
नगमें सब बेजार रहे....
पिया भए अब मोर परदेशी.....
टूटल आस मनवा में सब....
सारा जग लागे सूना - सूना....
मन का नगर बिन तेरे ......
पिया मोरे सब उदास - उदास लगे.....
बिन तेरे सब सुख - चैन, पिया मोरे बिसराय गए।।