यूँ ही नहीं मन करता है
यूँ ही नहीं मन करता है
यूँ ही नहीं आपकी आँखों में
जन्नत दिखाई देती है
यूँ ही नहीं आपकी बातों में
मन्नत सुनाई देती है
सजदा करे सुबह-शाम
ख़ुदा के दर पर
कामयाबी हरदम आपके
कदम चूमती रहें
यूँ ही नहीं मन करता है...
यूँ ही नहीं आपकी उलझनें
हमारे नाम चाहते हैं
यूँ ही नहीं आपकी चाहत में
फ़ना होना चाहते हैं
दुआ करे सहे दिल से
ख़ुदा के दर पर
सारी खुशियाँ आपको
रास आती रहें
यूँ ही नहीं मन करता है...
यूँ ही नहीं आज आपको
मुबारकें देना चाहते हैं
यूँ ही नहीं आप पे ख़ुशनुमा
तारीफ़ें बरसाना चाहते हैं
कुछ तो एहसास पाते हैं
ख़ुदा के दर पर
यूँ ही नहीं आपको साँसों का
सरताज़ बनाना चाहते हैं
यूँ ही नहीं मन करता है...