वो खत
वो खत
देखकर वो खत पुराने , याद तेरी आ गई,
थम गई सांसें हलक में ,आंख मेरी भर गईं,
खोल के पढ़ता रहा मैं ,प्यार के अल्फाज़ वो,
अधखुले वो खत तेरे , इश्क जिंदा कर गई।।
आज भी पढ़ता तुम्हें , छुप के जो तुमने दिए,
ख़्वाब में पाता तुम्हें , खुद से कुछ कहते हुए,
इश्क जिंदा आज भी है, रूह में रहते हो तुम,
प्यार के पन्ने अधुरे , छोड़कर तुम चल दिए।।