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हरि शंकर गोयल

Romance

3  

हरि शंकर गोयल

Romance

सब कुछ बदल गया

सब कुछ बदल गया

1 min
169


बड़ी सूनी सूनी सी थी ये जिंदगी 

एक तेरे आने से सब कुछ बदल गया 

खिजां का मौसम बिखरा था हर कहीं 

तेरे मुस्कुराने से सब कुछ बदल गया ।

खामोशी की सी चादर तनी हुई थी यहां

तेरे दिल की धड़कन से समां बदल गया

पसरा हुआ था सन्नाटा मन की गली में 

तेरे इश्क की धूप से नजारा बदल गया 

जजबातों के टुकड़े बिखरे हुये थे हर कहीं

तेरी जुल्फ लहराने से मौसम बदल गया 

गमों के बियाबान में भटक रहा था "हरि" 

तेरे नैनों के इशारों से सब कुछ बदल गया।



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