कब़ूल.....!!
कब़ूल.....!!


आंखों में चमक आया
बादलों बीच तू नज़र आया...
चंदा चमके...
और देखती चंदनियाँ
इश्क़ वफ़ा बन गहराया..
नाम तेरे अपनी सारी उम्र
दिल को बस तू है भाया.....
अहसासों का गहरा समंदर
जिंदगी का तुम सरमाया...
आंखें पढ़-पढ़ तुम को समझ
रग-रग में इश्क़ समाया..
रात भर तारों की महफ़िल
संदली बयार संग तू मुस्काया....
आज बस दिल की दुआ
मेरे तुम औ करवा चौथ पे
दिया प्रेम का यूं जगमगाया.....
कि नंदिता हर जन्म तुम्हारी
रब ने ये दुआ कबूल फ़रमाया....!!