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Kanchan Shukla

Romance

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Kanchan Shukla

Romance

जब हम तुम मिले थे

जब हम तुम मिले थे

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मुझे याद है आज भी वह जमाना,

सावन की रिमझिम,

वह मौसम सुहाना,

देखा था तुमको,

जब घर तुम थे आए,

हमारे बड़ों ने था तुमसे मिलाया,

इक दूजे को देखा था मैंने और तुमने,

रिश्तों में बंधकर यह वादा किया था,

रहेंगे सदा एक-दूजे के होकर,

माथे की बिंदिया बालों का गजरा,

तेरे प्यार की फिर कहानी कहेंगे,

कभी साथ मेरा न तुम छोड़ देना,

मैं परछाई के जैसे साथ तेरे रहूंगी,

तुम जो कहोगे मैं तेरी सुनूंगी,

तुम मेरी सुनोगे यह चाहत रहेगी,

तुम हमारी सुनो,

मैं तुम्हारी सुनूं,

फिर हमारी कहानी ज़माना सुनेगा ।।



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