मेरे रियल हीरो ,मेरे पापा
मेरे रियल हीरो ,मेरे पापा
कि क्या लिख दूं आप पर आप तो पूरी किताब हो
कि मुझे सही और गलत का पता नहीं
इसलिए मेरे सबसे बड़े सलाहकार बस आप हो
कि मुझे मेरे मजहब का तो पता नहीं
पर मेरे खुदा तो बस आप हो
कि कुछ बातें सा से कहती नहीं
और कोई उसे सुनी तो वह बस आप हो
की दिल तो किसी से लगता नहीं
पर इस दिल में कोई हो तो बस आप हो
कि दुख में तो किसी को शामिल करती नहीं
बस सहारे का हाथ हो तो बस आपका हो
की दिल के जज्बातों को छुपा के रखती हूं
पर खुली किताब तो मैं बस आपकी हूं...