Writing is the voice of my heart.I write when it comes from inner soul...
अब घर की चारदीवारी नहीं पहुंची इमारत हमें लुभाती रही, अब घर की चारदीवारी नहीं पहुंची इमारत हमें लुभाती रही,
कभी नजर झुकाते नहीं पर मेरे पास नजर झुका के ही रहते हो, कभी नजर झुकाते नहीं पर मेरे पास नजर झुका के ही रहते हो,
पर एक बात बताना, क्या ये दूरी बेहद जरूरी थी? पर एक बात बताना, क्या ये दूरी बेहद जरूरी थी?
लोग आजकल खंजर से नहीं शब्दों से वार करते हैं! लोग आजकल खंजर से नहीं शब्दों से वार करते हैं!
मुझे बोलने की जरूरत नहीं है, बस तुम खामोश मत होने दो काफी है। मुझे बोलने की जरूरत नहीं है, बस तुम खामोश मत होने दो काफी है।
गजब तमाशा देखते, कैसे कैसे लोग, जिगर,दिमाग को तोलते,कैसा है रोग। गजब तमाशा देखते, कैसे कैसे लोग, जिगर,दिमाग को तोलते,कैसा है रोग।