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Neha Dhama

Romance

4  

Neha Dhama

Romance

हरी हरी चूड़ियां

हरी हरी चूड़ियां

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अमर सुहाग की निशानी होती हैं 

 हरी हरी चूड़ियां 

तेरी मेरी प्रेम कहानी होती हैं

 हरी हरी चूड़ियां

सावन की ठंडी फुहारों के 

 मतवाले मौसम में 

गोरे गोरे हाथों की सुंदरता बढ़ाती है  

 हरी हरी चूड़ियां

देखो गली में चूड़ी वाला आया

 रंग बिरंगी चूड़ियां लाया 

सजना मुझे भी दिला दो भर भर हाथ   

 हरी हरी चूड़ियां

मैं भी आज कर सोलह श्रृंगार 

 सज धज इतराऊंगी

खन खन खनकाऊँ इन हाथों में 

  हरी हरी चूड़ियां

कितना इठलाऊं, शरमाऊं , 

 पिया तुझे रिझाऊं

तुझ संग झूला झुलूँ निहारूँ बार बार  

 हरी हरी चूड़ियां

ओढ़ धानी चुनरियां धरा सी हो  

 मतवाली झूमूं

 प्रेम गीत बरखा में मुझ संग भीगे 

  हरी हरी चूड़ियां ।।



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