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Manju Saini

Romance

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Manju Saini

Romance

शीर्षक:मैं और तुम

शीर्षक:मैं और तुम

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फूलों की महक से

महके प्यार में

हर दम

मैं और तुम।


खिले फूल से

खिलखिलाए 

खुशियों से

मैं और तुम


खिले फूलों की

सुगंधित महक से

मुस्कुराए खुलकर

मैं और तुम।


थाम ले हाथ

तरु ओर बेल समान

लिपटे साथ से

मैं और तुम।


फूल और भँवरे

का साथ सा

हाथ थामे सदा

मैं और तुम।


सीप और बूंद सा

मिलन हो प्यारा

साथी बने

मैं और तुम।


आंसू न आये कभी

साथ एक दूजे का

थामे रहे

मैं और तुम।


हीर रांझा सा

साथ रहे 

एक दूजे संग

मैं और तुम।


राधा कृष्ण सा प्रेम

एक दूजे के संग

चढ़े रंग 

मैं और तुम।


गिरे जो बूंद से हम

सम्भाले धरा से 

एक दूजे को

मैं और तुम।


प्यार हो हम में

बेशुमार, बेहद

हृदय गहराई से

मैं और तुम।



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