खफा हो गए हैं
खफा हो गए हैं
खफा हो गए हैं वो लगता है पेड़ से सारे पत्ते गिर गए हैं
खफा हो गए हैं वो लगता है जिंदगी से सारे रंग कहीं खो गए हैं
खामोश हैं ज़ुबान उनकी नहीं जानती क्या सोच रहे हैं लेकिन इतना तो जानती हूं मेरे बिना खुश तो नही होगें
खफा हो गए हैंं वो , पता नहीं क्यू बिना ग़लती के भी लगता है कि ग़ुनाह कर दिया है
आज वो भी खामोश हैं और में भी लेकिन ये मन हरवक्त उनके बारे में सोच रहा है
जो बातें हैं वो ज़ुबान नहीं बोल पा रही वो शायद वो मेरी आंखों में पढ़ सके ,ख़ुदा उन्हें मेरे सामने लाके खड़ा करना
वो खफा हैं मुझसे , नाराज़ हैं पर मेरा दिल जानता हैं जब वो मुझे जान जायेगे तब वो जानेंगे क्या गलती है मेरी
वो ख़फ़ा हैं लगता है खुशियां कहीं खो सी गई हैं , उनके मैसेज के बिना ये मन बेचैन सा हो गया है
पता है मुझे ख़फ़ा हैं वो मुझसे लेकिन हमेशा ही उनके मैसेज का इंतज़ार रहेगा मुझे ....