पिया बावरा....
पिया बावरा....
मोरा मन काहे माने ना,
पिया बावरा रे पिया बावरा रे...
अखियन से काहे तूने प्रेम पिलाया,
मीरा सी बनके जोगन ... बन - बन में नाचूँ,
रीत यहीं सदा मन में बसाई,
तेरी भई हूँ मैं पर तू ही जाने...
छुप-छुप के निहारूँ तेरा रूप सलोना,
नैन मिलाये जब तू मन मोरा काँपे,
कासे कहूँ तुझसे ... तेरे प्रीत की प्यासी,
चिलमन मेरी हर पल, तेरे दरस को तरसी...
तू ही समझ ले मेरे मौन की भासा,
दूर ना रह तू, पास आ जरा सा...
मन बावरा रे ..मेरा मन बावरा..
पिया बावरा रे...पिया बावरा....

