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अर्चना तिवारी

Classics

4  

अर्चना तिवारी

Classics

पिता

पिता

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पिता वो भगवान होते हैं 

जो बिन माँगे हर मुराद पूरी करते हैं 

हर दर्द का इलाज़ और दवा

हमारे लिए नित दुआ भी करते हैं 


स्वयं हर कष्ट सहते हैं 

पर मुँह से कुछ न कहते हैं 

बच्चों की झिलमिल आँखों के 

हर सपनों को भी पढ़ लेते हैं 

पिता बच्चे का वो गुल्लक है 


जो कभी खाली नहीं होता 

पिता हर बच्चे का संबल 

शक्ति और जीवनदाता होते हैं

पिता वह वट वृक्ष है 


जो सबको बांधे रहता है 

 माँ से प्यार ,दुलार और स्नेह  

ममता और जीवन मिलता है 

तो पिता से जीवन जीने का 

नाम संग दृढ़ आधार मिलता है।


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