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Radha Shrotriya

Classics Inspirational

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Radha Shrotriya

Classics Inspirational

पिता

पिता

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पिता रब का ही दूसरा रूप होते हैं,

 परिस्थितियाँ चाहें कितनी भी

विपरीत क्यूँ न हो जाएँ 

पर वो कभी हिम्मत नहीं हारते!

मौसम चाहे कितने ही रंग

क्यूँ न बदल ले

पर अपने प्यार और विश्वाश के रंग को, वो कभी फीका नहीं पड़ने देते!

अपने बच्चों की मासूमियत को,

वो कभी खोने नहीं देते!

बच्चों की गलती को भी वो

नादानी कहकर टाल देते हैं!

लाख गम हों वो

सब हँसकर सह लेते हैं

पर अपने बच्चों की आँखें

नम नहीं होने देते!

 "पिता उस नाविक की तरह होते हैं,

जो तूफान में फंसी कश्ती को, धारा के विपरीत जाकर, हर हाल में सुरक्षित निकाल कर किनारे ले आता हैं" 

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