फ़ुर्सत साथ लाया करो
फ़ुर्सत साथ लाया करो
जब भी नज़रों से नज़रें मिलाया करो
आरज़ुओं को दिल में दबाया करो।
बैठते हाथ मेरा ज़रा थाम कर
इतनी फ़ुर्सत कभी साथ लाया करो।
गो मुरव्वत नहीं है तुम्हें हमसे कुछ
ये जताने सही पास आया करो।
आदमी आदमी से डरा सा लगे
अब ज़माने से खुद को बचाया करो।
ख़्वाब आँखों में उलझा के रखना मगर
उस तसव्वुर को थोड़ा नुमाया करो।

