इश्क़ में पड़ी होगी
इश्क़ में पड़ी होगी
कब सुकूँ में ये ज़िंदगी होगी
कब तेरी गोद में जबीं होगी
क्यूँ चमकती हैं नज़रें रह रह कर
बात अच्छी कोई लगी होगी
रात भर ख़्वाब क्यूँ लड़े जाने
किस तसव्वुर दोस्ती होगी
अपने साये से दूर जा बैठे
कोई धोखा धड़ी हुई होगी
दिल उलझता है तेरी बातों में
इश्क़ होगा या दिल्लगी होगी
मुँह से कहने की कुछ ज़रूरत क्या
अब सुख़न अपनी बोलती होगी
बाल बिखरे हैं आँख में आँसू
बावली इश्क़ में पड़ी होगी!