STORYMIRROR

Deepak Sharma

Romance Fantasy

2  

Deepak Sharma

Romance Fantasy

क्या करते हैं...

क्या करते हैं...

1 min
19

ख़ाब तेरे तुझे मालूम है क्या करते हैं

जैसे मरते को भी उम्मीद दिया करते हैं

आइए आप भी आ जाइए ना महफ़िल में 

दिलजले आपके आने की दुआ करते हैं

फिरते थे क़समें वफ़ा खाते ज़माने भर में 

बेवफ़ाई का जो अंदाज़ रखा करते हैं

चाक जितने हैं गिरेबाँ के वो तो सिल जाते 

रूह के ज़ख़्म पर उम्मीदें शिफ़ा करते हैं

तुम जो बेकार समझते हो हमें तो जानो

रोशनी करने को ‘दीपक’ ही जला करते हैं



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance