फ़रेबी प्यार
फ़रेबी प्यार
तेरे प्यारका दिवाना था मै,
प्यार में ड़ूबाकर छोड़ दिया,
धर बसाकर किसी और का,
प्यार का दामन तोड़ दिया।
प्यार के नग्मे गाता था मै,
प्यार की माला पहेना कर,
बेवफ़ाई मेरे प्यार में करके,
प्यार की माला तोड दिया।
महेल सज़ाया था अरमानो का,
तेरे लिये प्यार की चाहत में,
प्यार से सज़ाये हुए महल को,
पल ही भर में तोड़ दिया।
दिल में थी तस्वीर सनम तेरी,
पूंज़ा तेरी मै करता था,
प्या रकी ज्योत बुझाकर तुने,
दर्द का दिवाना बना दिया।
क्युं किया ऐसा सनम तुने,
प्यार मेरा ठुकरा दिया,
फ़रेबी प्यार में फ़साकर "मुरली"
प्यार का जनाज़ा निकाल दिया।