भी है नहीं अब तो तुम फिर भी उन्हें छेड़ देते हो। भी है नहीं अब तो तुम फिर भी उन्हें छेड़ देते हो।
उन के भी दुर्दम्य इरादे, वीणा के स्वर पर ठहरेंगे निकल पडे हैं पांव अभागे,जाने कौन डगर उन के भी दुर्दम्य इरादे, वीणा के स्वर पर ठहरेंगे निकल पडे हैं पांव अभागे,जाने...
क्यूं फिर से... वही गलती किए जा रहा हूं मोहब्बत पास है मेरे फिर से दूर किए जा रहा हूं. क्यूं फिर से... वही गलती किए जा रहा हूं मोहब्बत पास है मेरे फिर से दूर किए जा...
उजालों के उजागर तो। अंधेरों में भी चमकते हैं।। उजालों के उजागर तो। अंधेरों में भी चमकते हैं।।
सब ही तराने टूटे हैं हम खुद से ही रूठे हैं। सब ही तराने टूटे हैं हम खुद से ही रूठे हैं।
पागलों सी हरकत करते हुए दीवाने से लगते हैं पागलों सी हरकत करते हुए दीवाने से लगते हैं