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Anuradha Negi

Children

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Anuradha Negi

Children

पहली सहेली

पहली सहेली

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नन्ही सी आंखों में सपना लेकर 

दुनिया में जब मुझे आना था,

बिन सोचे संकोच किए तूने मां

मुझे जग में लाने का ठाना था।

जब पनाह मिल गई थी मुझे 

मैंने हर दिन तुझे सताना था,

मुस्कुराती फिर भी आंखें तेरी 

वो आंचल तेरा आशियाना था।

नौ महीने अपने पेट में रखकर 

फिर गोद में तूने बैठाया था,

खुद की परवाह किए बिना ही 

रातों में जागकर सुलाया था।

रोते बिलखते जो कभी मैंने 

जो तेरा दिल धड़काया था,

नंगे पैर भागी आई तब 

फिर अपना दूध पिलाया था।

अब मुझे बड़ी बनाकर तूने 

समझाया है ये सारा जहां,

सखी सहेली सब बनकर 

हर रिश्ता तूने निभाया मां।

मां जैसी न सहेली कोई

तुझ सा न बन पाया कोई। 



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