मां 🙏🙏❤️❤️
मां 🙏🙏❤️❤️
मां आज फिर से तेरी चमकीली आंखें देखी,
शायद तु फिर से रोई ना मां।
मैं देख ना लूं तेरे आंसू,इस डर से,
कितनी बखुबी से छुपा लिया ना तुने आंसू।
मां मैं तो तेरे लिए खुली किताब सी हूं,
जिसे तु बखुबी पढ़ लिया करती है।
पर मां तुझे पढ़ना, मेरे लिए इतना कठिन क्यों है।
मां रातों से उतनी गहरी दोस्ती नहीं, मेरी,
कि तेरी रातों की सिसक भी ना सुन पाऊं।
उतनी नासमझ नहीं मां,कि तुझे समझ ना पाऊं तु कहती है,कि तु और मैं दोस्त है,
पर तेरी और मेरी इस दोस्ती, मैं कम और तु ज्यादा दिखती है।
तु कहती है, मेरी सारी तकलिफें तुझे बताऊं,
और करती भी वही हूं।
पर तु, अपनी तक़लिफों के आगे इतनी खामोश क्यों होती है मां।
क्या तेरी तक़लिफों की कोई आवाज नहीं ?
जब भी मैं डर जाती हूं,
तेरी थपकी और तेरी गोदी, मेरे लिए हमेशा तैयार रहती है।
पर मां तु तो हर बार ही खामोश होती है।
क्या तुझे डर नहीं लगता है मां ?
मां मैं तो अपनी सारी बातें तुझे बताती हूं,
पर तु अपनी बातों की,वो आधी बातें,
जिसमें सिर्फ तेरी मुस्कान होती है, उसे ही बताती है,
क्या तेरी बातों में कहीं दर्द नहीं मां ?
क्या तुझे आज भी बच्ची लगती हूं मां ?
कि तुझे समझ ना पाऊं,कि खुद सम्भल ना पाऊं,
एक बार बता कर तो देख मां,सब समझ जाऊंगी मैं।
जैसे तेरा आंचल हमेशा मेरे लिए होता है,
वैसे ही मेरा भी आंचल हमेशा तेरे लिए होगा मां।
एक बार खुलकर तो देख मां,
उतनी नासमझ नहीं मां,
कि तुझे समझ ना पाऊं।
हर बार तेरी सिसक, तेरी आंखों की नमी,
मुझे हमेशा तड़पा जाती है मां,
एक बार खुलकर रो कर तो देख मां।
जैसे मैं हूं कहती है मेरे लिए,
वैसे ही मैं हूं तेरे लिए मां।
उतनी बच्ची नहीं मां,बस नादान हूं,
एक बार समझकर तो देख, सब समझ जाऊंगी मैं मां।
तेरा साथ कभी ना छुटे,ऐसी प्रार्थना है भगवान से ,तु हमेशा खुश रहे मां।
मेरे लिए जो दुआएं हो वो सारी दुआएं तुझे और पापा को मिले मां।
यह दुआ है मेरी भगवान से।
