STORYMIRROR

Versha Janardan

Others

4  

Versha Janardan

Others

"मासूम "

"मासूम "

3 mins
387


मां एक बात बता ना ,बाबा हमेशा घर आने में देर करते हैं,

तू हमेशा उनका इंतजार, दरवाजे पर टेक लगाकर करती है।


उनके आते ही उन्हें, सबसे पहले पानी का गिलास ले देती है।

हाथ - मुंह धोने को कह, उनके लिए खाने का बिछौना लगाती है,

बाबा को खाना परोस, उनके पास बैठ जाया करती है,

और बाबा खाना खा ,तेरे आंचल से मुंह पोछ लिया करतें हैं।


बाबा के खाने से पहले क्यूं नहीं खाती मां ? 

हमेशा अपना आधा हिस्सा बाबा के लिए रख देती है,

और बाबा भी उस हिस्से का आधा तुझे दे दिया देते हैं।


मां हमेशा तुझे पता रहता है, बाबा कहां गए हैं,

कितने समय वे घर आएंगे।

पर मां तू हमेशा क्यूं पूछती रहती है,सब पता होने के बावजूद ?

कि अब आएंगे तेरे बाबा गुड़िया ? 

दिनभर घड़ी को देखने को कहती है।


मैं भी गुस्सा हो जाया करती हूं, तेरे इन सवालों के कारण।

मां बाबा आ जाते हैं ना वक्त पर ,

पर तेरा ......

सब पता होने पर भी ऐसा सवाल करना।

मां यह तेरी आदतों का एक हिस्सा सा हो गया है।


मां जब तू बाबा को देखती है, हमेशा तेरे चेहरे पर अलग ही सुकुन दिखाई देता है,

बाबा के आते ही तू न एक बार भी घड़ी को देखने को कहती है और न ही रास्ता।

मां बाबा के न होने पर, हमेशा बाबा को ढूंढती है,

सुनें रास्तों पर हमेशा बाबा के लिए चलती है,

और बाबा भी तुझे इस तरह देख, अपनी थकान भुल जाया करते हैं।


मां तू गुस्सा अब होती है बाबा से ? 

मुझे तो कभी नहीं पता चलता,

बाबा जब कहते हैं,आज मां तेरी बहुत गुस्सा है,

पर तेरा गुस्सा तो नहीं दिखता कभी ,

हमेशा तेरा बाबा का दरवाजे पर टेक लगाकर इंतजार करना,

तेरी सारी आदतें तो वहीं रहतीं हैं ना ,

तो , मां तू बाबा से कब गुस्सा होती है ?


मां तू अपने लिए श्रृंगार का समान क्यूं नहीं लेने जाती ,

हमेशा बाबा को ही लाने को कहती है,

अगर कभी खुद ही ले लिया करती है,तो तुझे अपना लिया पसंद ही नहीं आता ,

तू खुद ही कहती है,देख लाडो थोड़ा भी अच्छा नहीं दिख रहा,

तेरे बाबा की पसंद कितनी अच्छी होती है ना ,


मां मैं भी तेरी इस बात पर मुस्कुरा दिया करती हूं,

क्योंकि तुम कितनी खूबसूरत है ना मां, जिसे बाबा ने पसंद किया है।


मां तू अकेले बाहर क्यूं नहीं जाती ?

हमेशा बाहर जाने के लिए बाबा का इंतजार करती है, उनका राह तकती रहती है,

तुझे पता है बाबा को बाईक चलाना नहीं आता,

फिर भी तू उनके सायकल में सवार हो बहुत खुश हो जाया करती है।


मां बाबा की वो पसंद की साड़ी तुने आज भी सम्हाल कर रखी हुई हैं,

जब भी तेरी अलमारी खुलती है, तेरे हाथ उसे कभी सहलाना नहीं भुलते।


मां पता है तुझे तेरा बचपना मैंने देखा है,

हमेशा तुझे बच्चों सा जिद , बाबा से करते हुए देखा है,

हां मां मैंने तेरा बचपना बाबा के सामने देखा है।


मां तू कितना भी व्यस्त हो ,

जब बाबा बाहर जाते हैं, हमेशा उनके पास भागते हुए आती है,

और हमेशा उनसे कहती है- जल्दी घर आइएगा।

बाबा भी तेरा सर सहलाकर अपने काम पर निकल पड़ते हैं।


मां तेरी ये सारी आदतें बाबा को भी लग गई हैं,

तेरा सर सहलाए बिना,वो काम पर नहीं जाया करते,

हमेशा तेरे आने का इंतजार करते रहते हैं,

कि तू आए और उन्हें कहे- जल्दी घर आइएगा।


और तेरा इतना कहना और बाबा का मुस्कुराते हुए काम पर जाना।


मां बता ना कैसा है तेरा यह रिश्ता ?


पता है मां,पता नहीं कैसा है तेरा और बाबा का यह रिश्ता ? 


पर तेरा और बाबा का यह रिश्ता मुझे बहुत प्यारा है।


बाबा तेरे लिए जिते हैं,

तू बाबा के लिए,

और दोनों मिलकर हमारे लिए जीते हो ।


 



Rate this content
Log in