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याद

याद

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ज़िन्दगी के हर पन्ने की एक अलग ही कहानी थी,

लेकिन सबसे प्यार पन्ना, सबसे प्यारा लम्हा

उस पन्ने को बार बार पढ़ना....

केवल पढ़ना ही नहीं उस मासूम हंसी में बार बार हंसना

भोला, सरल, अकपट जीवन बार बार जीना।

मम्मी की डांट, पापा का दुलार ,

दादी का प्यार, बहन से झपट,

बेवक्त बेवजह की रुलाई .....

पापा आज फिर से तुम्हारी याद आई।

रात को डर के उठ जाती थी,

पानी के बहाने पापा तुम्हें जगाती थी।

चोटी की एक अलग कहानी,

वो तो पापा सिर्फ तुमने बनानी,

रात भर कहानियाँ तुमने सुनानी।

मेरा घोड़ा तुम थे पापा ,

पूरे घर के तुम थे राजा,

मैं राजकुमारी थी।

आँखों के आँसू ना थमते, जबतक तुम्हें न पाती थी।

जिस ओर तुम थे जाते मैं भी उसी ओर चलती जाती थी।

मेरी ज़िन्दगी का यह प्यारा पन्ना कोई फिर से मुझे लौटा दे,

इन बोझिल होती आँखों से धुंधलेपन को हटा दे,

मेरा बचपन, मेरे पापा कोई तो मुझको लौटा दे....

                                             

                                          

 


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