इम्तिहान
इम्तिहान
जाने क्यों इतनी जल्दी ये इम्तिहान आ जाते हैं
पढ़े हुए सब पाठ इतनी जल्दी क्यों भूल जाते हैं
किताब खोलते ही लगे नींद का नशा चढ़ जाता
सोते हुए देखकर फिर पापा एक चपत लगाते हैं।
मम्मी कहती बंद करो मौज मस्ती, खेलना कूदना
मम्मी पापा की बातें सुनकर चक्कर आने लगते हैं
न सिर दर्द और ना पेट दर्द का बहाना काम आता
इम्तिहान का थर्मामीटर लगा नब्ज क्यों जांचते हैं।
रात भर करते रहते पढ़े हुए उन पाठों की दोहराई
पर प्रश्न पत्र में ये नए- नए प्रश्न कहाँ से आ जाते हैं
प्रश्न देख- देखकर सर चकराता और दिल घबराता
पढ़ा हुआ सब छू मंतर फिर उत्तर कहाँ लिख पाते हैं।
ये अब्बल नंबर बिना परिश्रम के बोलो कैसे आएंगे
बंद करो मोबाइल टीवी पापा हमको यह समझाते हैं
खूब मन लगाकर पढ़ाई करो बच्चों मम्मी हमें बताती
पढ़े बिना जो भी जाते सिर्फ उनके ही सिर चकराते हैं।
जीवन में कुछ पाना है तो कुछ खोना पड़ता हमको
मन से पढ़ने वाले बच्चे कभी नहीं इससे घबराते हैं
तुम सब ही बनोगे कल इस सुंदर भारत के निर्माता
जो करता मेहनत हमेशा वो ही परिश्रमी कहलाते हैं।
