STORYMIRROR

Ravi Ghayal

Children Stories Inspirational

4  

Ravi Ghayal

Children Stories Inspirational

सूरज.... चान्द

सूरज.... चान्द

1 min
4

सब फिरेंगे, मारे-मारे


इक दिल वालों की बस्ती थी

जहाँ चांद और सूरज रहते थे।


कुछ सूरज मन का पागल था

कुछ चांद भी शोख चंचल था।


बस्ती बस्ती फिरते थे

हर दम हँसते रहते थे ...


फिर इक दिन दोनो रूठ गए

और सारे सपने टूट गए ...


अब चांद भी 

उस वक्त आता है...

सूरज जब सो जाता है ...


बादल सब से कहते हैं

सूरज उखड़ा उखड़ा सा 

रहता है ...


चांद के साथ सितारे हैं

पर सूरज तन्हा रहता है ...


मगर…. 

देखो…

सोचो….

सूरज की रौशनी से ही,

चाँद जगमगाता है।

अगर सूरज न हो, 

तो चाँद की … 

कोई औकात नहीं।

चाँद तो बच्चा है… 

जो तारों से मन बहलाता है।

सूरज प्रौढ़ है….

परिपक्व है….

उसी से तो दुनिया चलती है।


जिस दिन सूरज ठंडा पड़ गया.....

दुनिया ख़तम हो जाएगी....

नष्ट हो जायेगी....

तब ना चाँद होगा.....

ना तारे

सब फिरेंगे मारे मारे।


Rate this content
Log in