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Ravi Ghayal

Abstract Tragedy Others

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Ravi Ghayal

Abstract Tragedy Others

सब बन्दों की मेहरबानी है

सब बन्दों की मेहरबानी है

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मंदिर ने 

मस्जिद के गले में 

हाथ डाल कर पूछा .......

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कुशल तो है 

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मायूस हो कर 

कहा मस्जिद ने....

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सब बन्दों की मेहरबानी है 

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हम तो मुफ्त में 

बरसों से बदनाम हैं 

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लेकिन जो सवाल 

तुमने मुझसे पूछा

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आओ यही सवाल 

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गुरूद्वारे से......

चर्च से........

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और आज के इन 

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मठाधीशों से करें


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