दास्तान-ऐ-सुरा
दास्तान-ऐ-सुरा
मैं पीता हूं, खूब पीता हूं।
क्या पीता हूं, यह मुझे भी नहीं मालूम।
बस मैं पीता हूं और खूब पीता हूं।
कोई कहता है जहर मैं पीता हूं,
कोई कहता है शराब मैं पीता हूं,
मुझे क्या खबर कि क्या मैं पीता हूं।
कभी घर में मैं पीता हूं,
कभी बाहर मैं पीता हूं,
कभी मयखाने में पीता हूं,
कभी बुतखाने में पीता हूं,
मैं पीता हूं और खूब पीता हूं।
यारो मेरे पीने में इक तराना छुपा है,
गाती थी रोज़ जो वह गाना छुपा है,
मेरा घर छोड़ कर जाने का...
बहाना छुपा है,
जिसकी इक नज़र ने...
'घायल' था मुझको कर दिया,
उसी पे मेरा जॉं लुटाना छुपा है।
यारो मेरे पीने में....
इक अफसाना छुपा है,
पिलाती थी वो जिस से...
वो पैमाना छुपा है,
मेरा दिल जिसपे था निसार हो गया...
उसी का मुझे छोड़ के...
चले जाना छुपा है।
यारो मेरे पीने में...
इक राज छुपा है,
मेरी रंगीन रातों का..
वो साज़ छुपा है,
जिसकी खातिर मैं मरा औ जिया,
मेरे पीने में वही....
मानव समाज छुपा है।
यारो मेरे पीने में इक बाग छुपा है,
मेरी बादशाहत का वो ताज छुपा है,
औरत के रूप वाला वो काला नाग छुपा है,
मेरी इज्जत पे लगाया गया काला दाग छुपा है,
जहां पे मैं कहीं का न रहा,
मेरे पीने में वही...
मीना-बजार छुपा है।
यारो मेरे पीने में इक दीदार छुपा है,
उत्पन्न हुआ उससे वो प्यार छुपा है,
किया गया उसके द्वारा इकरार छुपा है,
लेकिन मुझे बीच राह....
धोखा जो दे गयी,
मेरे पीने में उसका नया यार छुपा है।
यारो मेरे पीने में इक चाह छुपी है,
थे मेरे पॉंव जिसपे पड़े...
आह यारो वो राह छुपी है,
मेरे दिल से निकली हुई आह छुपी है,
जिसपे था तन-मन न्योछावर किया,
मेरे पीने में...
उसके मुंह से निकली नॉंह छुपी है।
यारो मेरे पीने में...
इक निचोड़ छुपा है,
बीते दिनों का....
सारा निचोड़ छुपा है,
दिल की चोटों का...
सारा गठजोड़ छुपा है,
जिस पे हाय मुझको था छोड़ा गया,
मेरे पीने में 'घायल'...
ज़िन्दगी का...
वो अभी तक मोड़ छुपा है।
