Ravi Ghayal
Abstract Fantasy
मिट्टी का
जिस्म ले के
पानी के घर में हूँ
मंज़िल मौत है
और मैं
सफर में हूँ
होगा कत्ल मेरा
मालूम है
लेकिन
खबर नहीं
किस कातिल
की नज़र में हूँ।
राही की आस
दास्तान-ऐ-सुर...
खामोश रहो सब,...
लाश लिए फिरता...
यूं ही आत्मा ...
कातिल की नज़र...
सब बन्दों की ...
सब सपना है
अश'आर-ऐ-जज़्ब...
बंदर का फोड़ा
याद सदा उसको है रहती, गा के सुनाती जैसे मां लोरी।। याद सदा उसको है रहती, गा के सु... याद सदा उसको है रहती, गा के सुनाती जैसे मां लोरी।। याद सदा उसको ...
परिश्रम के पहियों पे चल के सपनों के महल तक जाना है परिश्रम के पहियों पे चल के सपनों के महल तक जाना है
उत्सव की करनी है तैयारी, रंग-गुलाल उड़ाएंगे मेरे मुरारी।। उत्सव की करनी है तैयारी, रंग-गुलाल उड़ाएंगे मेरे मुरारी।।
यह लहु है तुम्हारा, बोझ नहीं इनको कहो। बालविवाह है अभिशाप, सबको समझाओ।। यह लहु है तुम्हारा, बोझ नहीं इनको कहो। बालविवाह है अभिशाप, सबको समझाओ।।
नारी मोम बन जलती है तो सब कुछ जलाना जानती है नारी मोम बन जलती है तो सब कुछ जलाना जानती है
युद्ध और सद्भावना का मतलब कुछ ऐसा है सबको समझाते रहिए। युद्ध और सद्भावना का मतलब कुछ ऐसा है सबको समझाते रहिए।
अशांत कोलाहल की जिंदगी से दूर शांति का दूत बनेगाI अशांत कोलाहल की जिंदगी से दूर शांति का दूत बनेगाI
मैं कोमल फूल तो हूँ .... हृदय रखी चिंगारी हूँ.... मैं भारत की नारी हूँ। मैं कोमल फूल तो हूँ .... हृदय रखी चिंगारी हूँ.... मैं भारत की नारी हूँ।
तेज तेरी सूरज की लाली, मूरत तेरी ममता वाली।। तेज तेरी सूरज की लाली, मूरत तेरी ममता वाली।।
ऐ सखी तुम इस जग को महकाती रहना। ऐ सखी तुम इस जग को महकाती रहना।
शांति चाहिए तो शांत चित्त रहना होगा शांति चाहिए तो शांत चित्त रहना होगा
हमें यकीन है कि आप, यह शहर छोड़ नहीं सकते। हमें यकीन है कि आप, यह शहर छोड़ नहीं सकते।
देश में वो कायर बेख़ौफ़ नज़र आ रहा। देश में वो कायर बेख़ौफ़ नज़र आ रहा।
बच्चों की आश है तुम, नहीं रहते कोई अभाव।। बच्चों की आश है तुम, नहीं रहते कोई अभाव।।
हर पल को खुल कर जी लें हम, क्या होगा उम्र छुपाने से। हर पल को खुल कर जी लें हम, क्या होगा उम्र छुपाने से।
कुछ मिला कुछ बिछड़ा है संघर्ष ये इंसान का। कुछ मिला कुछ बिछड़ा है संघर्ष ये इंसान का।
और न ही दिखेगा साया अंधेरे रात का। और न ही दिखेगा साया अंधेरे रात का।
नारी शक्ति का वर्चस्व है नारी ही सर्वस्त्र, अतुल्य है। नारी शक्ति का वर्चस्व है नारी ही सर्वस्त्र, अतुल्य है।
बुरा न मानो होली है ये तो है दुनिया का दस्तूर। बुरा न मानो होली है ये तो है दुनिया का दस्तूर।
औरत को जहां सम्मान मिलता है वो देश सदा उन्नति के पथ पर बढ़ता है। औरत को जहां सम्मान मिलता है वो देश सदा उन्नति के पथ पर बढ़ता है।