STORYMIRROR

Sunil Kumar

Children

4  

Sunil Kumar

Children

मेरे पापा मेरा अभिमान

मेरे पापा मेरा अभिमान

1 min
426

खुशियों के खातिर हमारे 

अपनी खुशियां देते त्याग

मेरे पापा मेरा अभिमान।


पूरी करते मेरी हर मांग 

रक्षा करते बनकर ढाल

मेरे पापा मेरा अभिमान।


सपनों के खातिर हमारे 

अपने सपने देते त्याग 

मेरे पापा मेरा अभिमान।


गलतियों पर हमें देते डांट

करते फिर स्नेह अपार 

मेरे पापा मेरा अभिमान।


सहते खुद वो कष्ट अपार

हम पर न आने देते आंच

मेरे पापा मेरा अभिमान।


ईश्वर का है अनुपम वरदान

रौशन जिनसे मेरा घर-द्वार

मेरे पापा मेरा अभिमान।


पापा मेरे जीवन का आधार

हम पर पापा का उपकार

भूल नहीं सकता कभी

पापा का वो स्नेह-दुलार।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Children