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Snowwhite (B) ......

Tragedy Others Children

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Tragedy Others Children

भूख से तड़पती हुई निगाहें

भूख से तड़पती हुई निगाहें

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भूख से तड़पती हुई निगाहें, अँधेरे में पलकों की राहें। 

प्यासी ज़िन्दगी के लिए ख़्वाब, मंदिर की धूप में बसती आहें ।

खाली पेटों में रोटी की नाद नहीं, जीवन की निराशा की अंत नहीं। 

भूखी रूहों को चैन कहाँ, प्यासे होंठों पर मुस्कान नहीं।


उम्मीद की झील सूखी है, आशाओं की बारिश रुकी है। 

व्याकुल मन रहा बेकरार, सपनों की पलकें हैं नमीदार।

दरिद्रता की आंधी उड़ाती है सपने, जीवन की लाशें जलाती हैं लपटे। 

आँखों में दर्द की ज्वाला बरसे, भूखे दिलों की आशा टूटे।

गरीबी की छाया में उम्मीद बिखर गई, गुरबत के आगे हर ख़्वाब दफ़न गयी। 

भूख और प्यास की तपिश जलती रही, रोटी चावल की आस में दिल तड़प गयी।

बेबसी की राह पर चलती है ज़िंदगी, गरीबी के गहरे ज़ंजीरों में ज़िंदा दिल बिखर गयी। 

सोने की चमक, स्वर्णिम सपनों की चाहत, हर सांस में बस रोटी-चावल की अभिलाषा छिप गयी।

दौलत की ज़िद में दफ़न हो गया इंसान, गरीबी के आँचल में उम्मीदों का प्याला रंग गयी।

मजबूरी की जंजीरों में बंधा हर कदम, बेबसी के संग जीने की आदत चढ़ गयी।


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