सुरमय सफ़र
सुरमय सफ़र
सुकून की तलाश में घूमते रहे हम,
तरनूमों की धुन पे झूमते रहे हम।
उल्फत के जादू में खो गए हम,
तमन्नाओं के समंदर में डूबते रहे हम।
साहिल पर खड़े रहे हैं आशा के साथ,
पाकीज़गी के रंग में नचाते रहे हम।
लिहाज में बिखरे हैं दिल के राज़,
मंजिलों की और निगाहें चाहते रहे हम।
आरजू के पंखों पर उड़ते रहे हम,
अफसानों के आगे जोश बढ़ाते रहे हम।
बंदगी की महफ़िलों में रंग भरते हैं,
आफताब के साथ आँखों को लड़ाते रहे हम।
महफ़िलों में गूंज रही हैं फलसफ़े,
एहसासों के तारों को छूते रहे हम।
हसरतें छिपी हैं हर दिल के अंदर,
रूबरू बनकर दिलों को महकाते रहे हम।
मुसाफ़िरों के रूप में दुनिया घूमे,
ख़यालों के बादलों पर सवारे रहे हम।
अजनबी राहों पर चलते चलते हम,
अपनी कहानी को गाते रहे हम।
लम्हों की उड़ान पर आसमान घुमाएं,
रुकसत हुए लम्हों को यादों में समाएं।
वादियों के रंगीन पेड़-पौधों के नीचे,
शब्दों की भूमि पर ख़ुशबू बिखेरते रहे हम।
