हाँ जी तीन बंदर
हाँ जी तीन बंदर
दिखते हैं हम आपस मे भाई,
काहे किसी की हम करें बुराई,
दूसरे से पहले झांके अपने अंदर,
अजी तुम तो सही पकड़े हो,
हम गांधी जी के तीन बन्दर।
क्योँ बने भई हम दोषी
नहीं करना है कानाफूसी,
वरना बदल जायेगा मंजर,
अजी तुम सही पकड़े हो,
हम गांधी जी के तीन बंदर।
आंख मिला है अच्छा देखो,
जीवन मे बस सच्चा देखो,
चुभ न जाए आंखों में खंजर,
अजी तुम सही पकड़े हो,
हम गांधी जी के तीन बंदर।
देखो तुम सदगुणों को,
मत देखो तुम अवगुणों को,
बदलेंगे जरूर मुक्कदर,
अजी तुम सही पकड़े हो,
हम गांधी जी के तीन बंदर।
सुनना मत जो तुम्हे भड़काए,
जो बात बात पे विवाद कराए,
बन जाओ बस शांत समंदर,
अजी तुम सही पकड़े हो,
हम गांधी जी के तीन बंदर।
सुनना मधुर संगीत तुम,
सुनना प्यार का गीत तुम,
न आएगा कोई तूफान बवंडर,
अजी तुम सही पकड़े हो,
हम गांधी जी के तीन बंदर।
हाँ जी हम तीन बंदर !