आज बारिश में मुझे फिर से भीगने दो
आज बारिश में मुझे फिर से भीगने दो
बारिश की रिमझिम में भीगने दो,
इस तन को ताजगी से जीने दो ।
बूंदों की आवाज़ सुनो ज़रा,
खुद को खोकर अपनी जिंदगी में आओ ज़रा।
मौसम की मस्ती में भीगने दो,
हर बूंद में आधा जहां छिपाने दो।
उड़ती बारिश के साथ आओ झूलें,
मन को रहने दो, यहां आकर रूलें।
गीले ज़मीन पर कदम रखो तुम,
हक़ीक़त की दुनिया से थोड़ी डूब जाओ तुम ।
अपनी चाहतों की बारिश में भीगने दो,
दिल की धड़कन को आज जीने दो ।
बारिश के गीतों को सुनो ज़रा,
ख्वाहिशों की लहरों में बहने दो ज़रा ।
बरसती बादलों की छाँव में छुप जाओ,
खुद को ढलने दो, इस रंगीन मौसम में खो जाओ।
