आज बारिश में मुझे भीगने दो
आज बारिश में मुझे भीगने दो
आज बारिश में मुझे भीगने दो,
इस मौसम की रिमझिम में खो जाने दो।
चाहत की बूंदों में रंग भरने दो,
मैं अपनी आँखों को ख्वाबों से मिलने दो।
ज़ुल्फ़ों को बारिश की लहराते हुए देखो,
ग़मों के बादलों को बहाते हुए देखो।
हर एक बूंद में एक नयी कहानी है,
मैं खुद को उन किस्सों में बहाते हुए देखो।
मेरे दिल में जगा है बरसात का आलम,
हर बूंद में ख़्वाबों का एक सपना है।
आज मेरी रूह को बारिश से भीगने दो,
हर एक बूंद में आज़ादी की गाथा है।
इस मौसम की मग़रूर धड़कनों को सुनो,
मैं उन लहरों में अपना नाम लिखना चाहता हूँ।
मैं इस मौसम की लहरों के साथ नाचूं,
बारिश में मैं अपने सपनों को साथ लाता हूँ।
आज बारिश में मैं एक बुनियाद ढूँढूं,
अपनी ख्वाहिशों का घर बनाते जाऊं।
मैं खुद को खो जाऊं इस बरसात में,
बारिश में मेरे अंदर की बहार जगाते जाऊं।

