कहत शिवम् सुन आज है बिरह दुःख होय इस जग का भाग्य ही विधाता है। कहत शिवम् सुन आज है बिरह दुःख होय इस जग का भाग्य ही विधाता है।
थक गया था चाँद अपनी ही तलाश में बेफिक्र होकर दयरो हरम के पीछे से निकला। थक गया था चाँद अपनी ही तलाश में बेफिक्र होकर दयरो हरम के पीछे से निकला।
तूने जो किया नज़रें कैसे तुझसे मिलाऊँ तू कोई इंसान थोड़ी है। तूने जो किया नज़रें कैसे तुझसे मिलाऊँ तू कोई इंसान थोड़ी है।
प्रेमी के लिए प्रेमिका सबकुछ है, गीत-गजल, तराना-फसाना, इनकार-इकरार... दर्द-खामोशी सबकुछ प्रेमिका के ... प्रेमी के लिए प्रेमिका सबकुछ है, गीत-गजल, तराना-फसाना, इनकार-इकरार... दर्द-खामोश...