परछाई
परछाई
धूप की किरणों के साथ चलती है, हर पल मेरी परछाई ।
जब मैं सफलता की ओर बढ़ता हूँ, वहीं मेरी परछाई ।
मेरे साथ हर जगह चलती है, मेरी खुशियों की परछाई ।
दुःखों में भी साथ देती है, मेरी दर्दों की परछाई ।
कभी चमकती हूँ मैं उच्चाईओं में, पर बस मेरी परछाई ।
जब तक रौशनी होती है दिल में, रहती है मेरी परछाई ।
कभी गर्व होता है मुझे उस पर, जो छाती है मेरी परछाई ।
जब भी हार मुझे सताती है, सहारा होती है मेरी परछाई ।
कभी नकाब में छिपी होती हूँ, कभी तनहा होती है परछाई ।
पर मैं हर दिन जीने का बहाना बनती हूँ, यही है मेरी परछाई ।
सदैव मेरे साथ चलती रहेगी, यह मेरी अनन्त परछाई ।
चाहे हो जब भी आंधियों की रातें, मिलेगी मुझे शक्ति मेरी परछाई ।
