ज़िंदगी की किताब
ज़िंदगी की किताब
ज़िंदगी की किताब के हर पन्ने को
हमने ख़ूबसूरती से सजाया है,
अच्छे बुरे दोनो दिन से वाक़िफ़ हुए
पर हर दिन को उत्सव सा मनाया है।
फिर भी हमें कमज़ोर समझ
हमें बहुत बार गिराया है,
पर क़िस्मत तो पलट ही जाती है ना इसलिए
किसी मुसीबत के सामने हमने सर ना झुकाया है।
शायद हमारी ताक़त का अंदाज़ा
लेने के लिए हमें बार बार आज़माया है,
काँच नहीं जो इतनी आसानी से
टूट जाए हमने भी हर बार यही फ़रमाया है।
या जीत या सीख, इस बात ने
हमें हँसना सिखाया है,
बहुत छोटी सी है ज़िंदगी,
खुलकर जियो, यही सबको समझाया है।
हर इम्तिहान ने हमें मज़बूत बनाया है,
प्यार, हौसला, और उम्मीद दी, जिसके कारण
ज़िंदगी की किताब के हर पन्ने को
हमने ख़ूबसूरती से सजाया है !