कद
कद
आसमाँ से ऊंचा उसका कद होता है
जब वो हक़ीक़त में सच्चा होता है
मंज़िल का रास्ता उसका छोटा होता है
चलनेवाला का पग जब अविराम होता है
हर ख्वाहिश उसकी पूरी होती है
जिसके ख्वाबों में हौसला होता है
दरिया की लहरें उसे छोटी लगती है,
जिसके हृदय में सत्य रोशन होता है
चट्टानों से अधिक वो मजबूत होता है
जिसका संकल्प हिमालय होता है
रेगिस्तान को वो हरा-भरा कर देता है
जिसके मन मे सावन बसा हुआ होता है
हर मुसीबत को वो तिनका समझता है,
जिसका हृदय में शेर का वास होता है
हर बार चाहे उसे जीत नही मिलती हो
पर हारकर भी वो तो बाजीगर होता है
आसमाँ से ऊंचा उसका कद होता है
जब वो हक़ीक़त में सच्चा होता है।
