कोरोना
कोरोना
घरो में रहो और मज़े में रहो,
अपनों के संग कुछ खट्टी मीठी
यादें फिर से दिलों में कैद करो
ना गरूर में रहो ना किसी नशे के सरुर में रहो
लिया है अगर जन्म इंसान का तो प्यारो
कदमों को रोको और आराम करो
है मुश्किल वक्त की ये घड़ी माना
पर घर पर टिके टिके ये वक़्त भी गुजर जाना है
ले सको खुली सास, ऐसा प्यारो कुछ काम करो
आज अदा तुम अपना हक करो
घरों से निकल ना मानवता के गुनहगार बनो
थोड़ा सा कष्ट पा कर तुम बलिदान करो
अरे लगे है जो मानवता की सेवा में
हाथों से हाथ जोड़ कर उनका सम्मान करो
कोई धर्म हो ना बदनाम ना कोई ऐसा काम करो
कर अन्न का दान, बेघरों का तुम पेट भरो
कर दौलत का अभिमान, कोई ना गलत काम करो
ना सोए कोई जीव भूखा तुम ऐसा कुछ प्रबंध करो
ना बनो अज्ञानी ना अंधकार का काम करो
पत्थर फैक प्राण रक्षक पर खुद को ना शर्मसार करो
प्रकृति का कर मान, घरों में खुद को कैद करो।