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Sunil Kumar

Children Stories

4  

Sunil Kumar

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मेरे मम्मी-पापा

मेरे मम्मी-पापा

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छोटा था जब मैं कभी,गोदी में मुझे उठाते थे

उंगली पकड़कर मेरी चलना मुझे सिखाते थे

मम्मी-पापा मुझे राजा बेटा कहकर बुलाते थे।


रोता था जब मैं कभी,मुझको खूब हंसाते थे

सैर-सपाटा मुझे कराने कंधे पर बैठाते थे

मम्मी-पापा मुझे राजा बेटा कहकर बुलाते थे।


खुद खाने से पहले मुझको खूब खिलाते थे

रूठूं जो मैं कभी, पल भर में मुझे मनाते थे

मम्मी-पापा मुझे राजा बेटा कहकर बुलाते थे।


गिरता जब मैं कभी, दौड़कर मुझे उठाते थे

चूम कर माथा मेरा सीने से मुझे लगाते थे

मम्मी-पापा मुझे राजा बेटा कहकर बुलाते थे।


गलतियों पर मेरी अक्सर मुझे समझाते थे

भले-बुरे में भेद बताकर सही राह दिखाते थे 

मम्मी-पापा मुझे राजा बेटा कहकर बुलाते थे।


गुस्सा होता जब मैं कभी,खूब प्यार जताते थे

खुशियों पर मेरी अपना सब कुछ लुटाते थे

मम्मी-पापा मुझे राजा बेटा कहकर बुलाते थे।


हर गम अपना छिपाकर अक्सर मुस्कुराते थे 

मांगू जो भी मैं कभी, हंसी-खुशी दिलाते थे

मम्मी-पापा मुझे राजा बेटा कहकर बुलाते थे।



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