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Aryavart Prakash

Romance

2.5  

Aryavart Prakash

Romance

पहली मोहब्बत

पहली मोहब्बत

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किसी की तस्वीर अब हम, 

दुनिया से छिपाने लगे है

ज़माने की नज़रों से अब हम,

किसी को बचाने लगे है

प्यार में कम्बख्त दिल हार गए,

वरना हम ऐसे ना थे।।


कोई अक्स उभरता है,

जाना पहचाना देखा हुआ,

जब भी देखूँ मैं आईने को।

अब तो आईने में हम,

यू ही मुस्कुराने लगे है।

प्यार में कम्बख्त दिल हार गये 

वरना हम ऐसे ना थे।।


गुनगुनाते है वो गाना, 

जो कभी सुने ना थे

लिखते है वो पंक्ति, 

जो कभी सोचे ना थे

अकेल

े में अब तो हम, 

कुछ लिख गुनगुनाने लगे हैं।

प्यार में कम्बख्त दिल हार गये 

वरना हम ऐसे ना थे।।


ख़्वाब सजाते है अब जो, 

खबर ना रहती दुनिया की,

ना ही समय की अब तो

अब तो रात यू ही गुज़र जाती है 

उनकी यादों में कभी तो 

चाँद से बातों में कभी।।


अब तो रहा ना कुछ जैसे मेरा,

ऐसा एहसास होता है।

किसी और के अब तो 

हम भी होने लगे है।

प्यार में कम्बख्त दिल हार गये 

वरना हम ऐसे ना थे...



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