पहली अध्यापक माँ
पहली अध्यापक माँ
माँ ही पहली अध्यापक और परिवार ही प्रथम पाठशाला है
आज कविता लिखते वक्त हमें यह तथ्य समझ में आया है।
पांच सितम्बर की सुबह यादों का अंबार लिए आई है।
शिक्षक दिवस पर आज एक माँ बच्चे को स्कूल छोड़ने आई है
माँ सर्वपल्ली राधा कृष्णन के जन्मदिवस पर शिक्षक दिवस क्यूं मनाते है??
बेटे तेरे ये बिन सिर पैर वाली बाते हमें समझ ना आए है।
उस बच्चे को देख मुझे वो अपना बचपन याद आया है।
अध्यापक दिवस पर वो यादों का पिटारा साथ लाया है
बचपन में माँ जब हम गिरते तो आप हमें उठाती थी
जब एबीसीडी ना आए हमें तो बड़े प्यार से तुम समझाती थी
अपने कदमों पर चलना तुमने मुझे सिखाया था
जब हम हताश हो जाते तो आशा का ज्योत तुमने जलाया था
जब भी कमीज में ऊपर नीचे बटन लग जाता तो तुम हमें बताती थी
टिफिन भी सही तरीके से खाने का सलीका हमें सिखाती थी
मेरे उल्टे सीधे जूते पहनने पे तुम कैसे चिढ़ जाती थी
मेरे जल्दी जल्दी मोजे गंदे हो जाने पे कैसे हमसे तुम रूठ जाती थी
जब मैं पानी को मम बोलता तो सही उच्चारण करना हमें बताती थी
दिन भर भूखे रहकर हमें उल्टी गिनती पहाड़ा सारा होम वर्क कराती थी।
सही मायने में हमें रिश्तों में मामा चाचा का पहचान कराती थी
अपने से बड़ों का चरण स्पर्श करना हमें बताती थी
जब हम ड्रेस गंदे करके आते तो कैसे हम पे चिल्लाती थी।
सफाई से रहने का फायदा हमें तुम बताती थी
मेरे रोने पे माँ कैसे तुम भावुक हो जाती थी
अपने सुंदर आँखों से तुम आंसू बहुत बहाती थी
अपने गुरुजनों का सदैव सम्मान करना हमें तुम बताती थी
जब हम दीदी से झगड़ते तो हमें प्यार से रहना सिखाती थी
कला के अध्यापक का "सुराही का चित्रर" बनाओ
कहने पे मैंने कैसे उन्हें चिढ़ाया था
घर आने पे मम्मी ने हमें अच्छे से उच्चारण करना बताया था
"कंप्यूटर पर खेला" करने की बात पे कैसे मैंने हँसी उड़ाया था
घर आने पर पापा ने अच्छे से हमारी वाट लगायी थी
तब जाके घर आने पे माँ ने समझाया था
संस्कारों का शिक्षण भी हमें तुम बताई थी
छोटा भीम डोरेमान की जगह रामायण देखना हमें तुम सिखाती थी
माँ आज तेरे ना रहने पर तेरा वजूद हमें समझ आया है।।
शिक्षक दिवस पर नाम लेते ही मेरे जुबान पर माँ तेरा ही नाम आया है
बच्चे की प्रथम पाठशाला तभी तो उसका पहला परिवार कहलाया है।
माँ तेरे बातों से एक तथ्य याद आया है
सच में तभी तो अध्यापक को भगवान का दूसरा स्वरूप कहलाया है
बचपन में शिक्षक ज्ञान का दीपक है ऐसा माँ आपने हमें बताया था
अध्यापक दिवस पर आपकी वो कही गई बात आज फिर हमें सच समझ में आया है।
शिक्षक दिवस पर माँ मैं तेरी तस्वीर को नमन करता हूँ
तेरे ना रहने पे तेरी हर बात का आज मैं अनुसरण करता हूँ