लड़की हूँ ,लड़ सकती हूँ ।
लड़की हूँ ,लड़ सकती हूँ ।
लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ ।
गर मिल जाये वो सारी रियायतें मुझे भी तो
हर क्षेत्र में कड़ी टक्कर दे सकती हूँ ।
लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ ।
खुद के द्वारा ही बनाये गये रास्ते पर अकेले भी आगे बढ़ सकती हूँ ।
लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ।
खुद के मेधा के बल पे तकदीर अपनी बदल सकती हूँ।
खुद के हुनर के बल पे भाग्य अपनी गढ़ सकती हूँ ।
लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ।
समाज की बेड़ियों को कुचल के अरमानों की महल खड़ी कर सकती हूँ।
खुद के सतत् प्रयास से सफलताओं की परचम फहरा सकती हूँ।
लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ।
अपनी सकरात्मक सोच के साथ समाज में बदलाव की पहल कर सकती हूँ ।
लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ ।
हमें किसी से बैर नहीं मगर जहाँ हमारी हकों को दबाया जायेगा
वहाँ मैं चुप कैसे रह सकती हूँ ?
छिन ले लूँगी अपना अधिकार साहस इतनी तक कर सकती हूँ ।
लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ।
अपनी पंखों से हौसलों की लंबी उड़ान भर सकती हूँ ।
लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ।
