वो नारी है....
वो नारी है....
वो नारी है, कभी नहीं हारी
अभी भी उसका संघर्ष है जारी
कभी बचपन में बाबुल का आँगन
कभी समाज का बिन शीशे का दर्पण
कभी शिक्षा की कमजोरी के कारण
कभी अपने भाई के प्यार के कारण
कभी अपने पिता के सम्मान के कारण
कभी अपनी माँ की ममता के कारण
कभी सहेली की बचपना के कारण
कभी जवानी में एक छोटी सी भूल के कारण
कभी खुद की खुले मन के कारण
कभी नाजुक दिल की धड़कनों के कारण
कभी अपने रिश्तों को बचाने के कारण
कभी अपने पति के खुशी के कारण
कभी ससुराल की मर्यादा के कारण
कभी संसार की रीति रिवाज के कारण
कभी बच्चों के भविष्य के कारण
कभी किसी लाचार के मदद के कारण
कभी अन्याय पर आवाज उठाने के कारण
कभी सच्चाई के लिए लड़ने के कारण
कभी अपनी काबिलीयत दिखाने के कारण
कभी अपनी इज्जत बचाने के कारण
कभी अपने सपनों को साकार करने के कारण
कभी शत्रु के संहार करने के कारण
कभी अपने देश के सम्मान के कारण
कभी इस दुनिया को गन्दगी से बचाने के कारण
वो नारी है, कभी नहीं हारी.....
तो कब कौन कैसे करेगा
नारी को उचित सम्मान मिलेगा
समाज में उसकी भागीदारी होगी
कोई उसे अबला नहीं समझेगा
उसे भी गौरव प्राप्त होगा
सारे कलंक भी मिट जाएगा
उसके बढ़ते कदम आगे होगा
नारी की जय जयकार होगी
कोई भेद भाव नहीं रहेगा
तब ये दुनिया बदल जाएगी
सुख शान्ति की लहर होगी
ये समाज भी तरक्की करेगा
सत्य की सही पहचान होगी।
वो नारी है, कभी नहीं हारी......
