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pooja bharadawaj

Action Others

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नारी

नारी

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नारी तुम शक्ति हो, जननी हो, जगदम्बा हो

क्यों नारी के अबला होने का प्रमाण देती हो

तुम सक्षम हो, शक्ति हो, तुम समर्थ हो 

बार बार अपमान का घूंट तुम क्यों पीती हो

उठो चलो तुम अपनी ही धुन में

पूर्ण करो अपना जीवन तुम अपने मन से 

नारी तुम दुर्गा हो तुम सृष्टि हो, काली हो


हर घर की दहलीज हो तुम

हर पुरुष का मान सम्मान और अभिमान हो तुम

श्रीराम को जिसके लिए आना पड़ा वन में

 वो पत्थर की शिला अहिल्या हो तुम

जिसके बेर खा राम जी तृप्त हुए वो शबरी हो तुम


तुम कृष्ण की मीरा हो , कान्हा की राधा हो

ब्रज के कण कण में बसी रासलीला हो तुम

एक दूसरे से जोड़ कर रखें वो प्रेम का धागा हो तुम

 नारी तुम आशा हो, प्रेम की परिभाषा हो तुम


हर आंगन को महकाने वाला फूल हो तुम

नील गगन का पंछी हो तुम

वजूद असीमित है तुम्हारा 

अंदर निहित भूमंडल सारा

 नारी तुम व्याप्त हो, विशाल हो 

संस्कारों की जननी हो, सृष्टि की रचनाकार हो


नारी तुम अबला नहीं चंडी हो, शक्ति हो

हे नारी पहचानो खुद को महान हो तुम 

इस धरा पर सारे जीवन की पहचान हो तुम।।



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