पहले चाहतों को बढ़ने दो ,
पहले चाहतों को बढ़ने दो ,
पहले चाहतों को बढ़ने दो ,
फिर इश्क को राख होने दो ,
फिर दिल की धड़कनों को बढ़ने दो ,
तब जाकर कहीं मुहब्बत के बीज पनपेंगे ,
और जो भी हो बेहिसाब होंगे !!
इश्क की सजा मुकर्रर होने से पहले ,
कोई इश्क में गुनाह तो होने दो ,
इश्क की आग तेज होने तो दो ,
तब तक सुकून से जीने तो दो ,
लौट आया हूं घर को अरे अभी शाम तो होने दो !!
चांद के दीदार का मजा तो चांदनी रात में होती है ,
अभी पूरी रात तो होने दो ,
सुर्ख लाल रंग जरा चढ़ने तो दो ,
तब कही चांद इश्क में पड़ता है ,
जो नदियां सूख गई है इंतजार में ,
वो भी भर जायेंगी पर बरसात तो होने दो !!
पागल , प्रेमी , आवारा ,
मनचला जो भी है कह देने दो ,
बस इश्क का सुरूर तो चढ़ने दो ,
डूब जायेंगे इश्क की बरसात में ,
बस पैर इश्क में फिसलने दो ,
कह देने दो आज इश्क की बात ,
कल खुद ब खुद संभलने तो दो !!